मोदी के चरखा छूते ही लोगों को गाँधी और खादी याद आने लगा
क्या जहाँ जहाँ गाँधी का ब्रांड लग गया, वहां गाँधी की जगह किसी और को एम्बेसडर नहीं बनाया जा सकता?
15 January 2017
क्या जहाँ जहाँ गाँधी का ब्रांड लग गया, वहां गाँधी की जगह किसी और को एम्बेसडर नहीं बनाया जा सकता?
सुषमा स्वराज ने आवेग में Amazon को खुलेआम धमकी देकर जय जयकार तो बटोर लिया, लेकिन उन्होंने कुछ वैसे लोगों को राष्ट्रवाद के नाम…
किसी राज्य में ग़रीब किसान मरता है तो केजरीवाल दिन भर ट्वीट करते हैं, कहीं किसी ग़रीब को demonetisation के चलते खड़ा होना पड़ता…
हम ओम पूरी जैसे कलाकारों को पाकिस्तानी बोल बोलकर हर उस पगले कलाकार की आवाज़ दबा देते हैं जो एक अलग परिपेक्ष्य की सम्भावना…
क्या केजरीवाल कहना चाह रहे हैं कि अगर तमिलनाडु, बंगाल या दिल्ली का प्रमुख सचिव भ्रष्ट हो, तो उन्हें माफ़ कर दिया जाए ?
बैंगलुरु जैसी घटना हमारे समाज के खोखलापन को उजागर कर देती है